कविता
विजयी बनो ,
करो वरन जीत का ,
ताना बना बुनो,
एक ऐसे संगीत का,
की धुन पर तुम्हारी थिरके ये दुनिया,
कन्धों पर तुमको उठाले ये दुनिया ,
क्योंकि,
विजेता के गुण,
गाते हैं लोग,
हारने वाले में दोष,
बताते हैं लोग,
यह संसार का नियम प्रबल है,
जो सफल है ,
उसकी हर बात में बल है
द्वारा :- चित्र कुमार गुप्ता
जवाहर नवोदय विद्यालय
सैन्द्वर बिजनोर .
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