Tuesday 5 March 2013

कविता 
विजयी बनो ,
करो वरन जीत का ,
ताना बना बुनो,
एक ऐसे संगीत का,
की धुन पर तुम्हारी थिरके ये दुनिया,
कन्धों पर तुमको उठाले ये दुनिया ,
क्योंकि,
विजेता के गुण,
गाते हैं लोग, 
हारने वाले में  दोष,
बताते हैं लोग,
यह संसार का नियम प्रबल है,
जो सफल है ,
उसकी हर बात में  बल है 



द्वारा :- चित्र कुमार गुप्ता 
             जवाहर नवोदय  विद्यालय 
             सैन्द्वर बिजनोर .


 

 

No comments:

Post a Comment